Last Updated on December 31, 2022 by Gaurav
आम जनता के लिए खुशखबरी, मोदी सरकार ने नए साल में छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Scheme) के इंटरेस्ट रेट में की बढ़ोतरी. नए साल में लोगो को पहले के मुकाबले इन बचत योजनाओं में अधिक लाभ मिलेगी. सरकार की इस पहल की लोग जमकर तारीफ कर रहे है. इस आर्टिकल में आपको सारी छोटी बचत योजनाओं के बारे में वृस्तित जानकारी दी जाएगी।
छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें

भारत सरकार ने एक जनवरी से (Small Savings Scheme) की ब्याज दरों में इजाफा करने का फैसला लिया है. ये इजाफा जनवरी-मार्च तिमाही की ब्याज दरों में किया गया है. इसके अंतर्गत कई योजनाए शामिल है जिसके जानकारी आपकी नीचे दी गई है।
यह कुछ योजनाए जिसकी ब्याज दर में सरकार ने इजाफा किया है. सरकार ने पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट, सीनियर सिटिजन्स सेविंग्स स्कीम, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. एक साल वाली सेविंग स्कीम को 5.5% से बढ़ाकर 6.6% की ब्याज दर कर दी गई है।
वही दो साल की बचत स्कीम को 5.7% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया गया है. तीन साल की बचत स्कीम को 5.8% से 6.9% कर दिया है और पांच साल की बचत स्कीम को 6.7% से 7% कर दी गई है।
(PPF) पीपीएफ खातों की ब्याज दरें
मोदी सरकार ने पीपीएफ खातों की ब्याज दरों अभी कोई इजाफा नही किया है. सतह ही सरकार ने सुकन्या समृद्धि स्कीम की दरों में भी कोई बदलाव नही किया है. कुछ समय बाद सरकार इन स्कीम्स की दरों में भी इजाफा कर सकती है।
वित्त मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी किया, उसमें कहा कहा गया कि जनवरी-मार्च 2023 तिमाही में छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 110 बेसिस पॉइंट्स तक इजाफा किया गया है।
अन्य छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें
कुछ अन्य छोटी योजनाएं है जिनमें भारत सरकार ने वृद्धि की है:-
- मंथली इनकम प्लान पर 7.1% ब्याज दर हो गई है।
- नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर ब्याज दर बढ़ाकर 7% कर दी गई है।
- किसान विकास पत्र पर अब 7.2 प्रतिशत की दर से ब्याज दर मिलेगी।
- सीनियर सिटीजन सेविंग प्लान पर ब्याज दर अब 8% हो गई है।
कैसे तय होती है छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर निकालने का फॉर्मूला श्यामला गोपीनाथ कमेटी ने दिया था. जिसके मुताबिक योजनाओं की ब्याज दरें समान मैच्योरिटी वाले सरकारी बांडों के प्रतिफल से 25-100 बीपीएस ज्यादा होनी चाहिए. भारत सरकार हर तिमाही में ब्याज दरों की समीक्षा करती है।